लोदीपुर धाम का जीर्णोद्धार कार्य शुरू, अध्यक्ष ने की समाज से सहयोग की अपील

 लोदीपुर धाम का जीर्णोद्धार कार्य शुरू, अध्यक्ष ने की समाज से सहयोग की अपील

लोदीपुर धाम का जीर्णोद्धार कार्य शुरू, अध्यक्ष ने की समाज से सहयोग की अपील
लोदीपुर धाम




कांठ। विश्नोई समाज के आठ धाम में उत्तर प्रदेश में अकेले धाम लोदीपुर धाम के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो गया अध्यक्ष विनय विश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज के सम्पूर्ण भारत में पीपासर धाम समराथल धाम, जाम्भोलाव धाम रोटू धाम, लालासर धाम जांगलू धाम, मुकाम धाम और लोदीपुर धाम सहित कुल आठ धाम है जिनमें लोदीपुर धाम का अलग महत्व है। बताया कि लोदीपुर बिशनपुर जहां बिश्नोई समाज की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक लोदीपुर धाम प्राचीन काल से स्थापित है, लोदीपुर धाम की महिला सुरखी देवी जांभोजी की अनन्य भक्त भी जब वह बूढ़ी और कमजोर हो गई तो उन्होंने भगवान जांभोजी से प्रार्थना की कि गुरु जी अब मेरा समराथल आना मुश्किल है तब गुरु जी ने लोदीपुर आने का वादा किया और उन्हीं की भक्ति भावना के वशीभूत होकर जांभोजी लोदीपुर धाम पधारे, गुरुजी के पग अर्थात चरणों के निशान मंडा पर साथरी में स्थापित किए, जो चरण चिन्ह आज भी मंदिर में विराजमान हैं, गुरु जी ने अपनी परम भक्त सुरजी देवों के कहने पर स्वयं अपने हाथों से खेजड़ों का वृक्ष यहां लगाया था, खेजड़ो का यह वृक्ष आज भी हरा भरा मंदिर में स्थित है, खेजड़ी का ऐसा भव्य आलौकिक वृक्ष इस क्षेत्र में अन्यत्र कहीं पर भी नहीं है, लगभग एक माह तक जांभाजी लोदीपुर धाम में रहे जितने भी प्रहलाद पंथी जीव थे वे सभी आकर कृतार्थ हुए मंदिर में प्राचीन काल से ही अखंड ज्योति प्रज्वलित है यहां प्रत्येक वर्ष चौत्र अमावस्या पर विशाल मेला लगता है जिसमें समाज के संत व श्रद्धालु जन भारत के कोने-कोने से आकर यज्ञ में आहुति देकर अखंड ज्योति, चरण चिन्ह तथा खेजड़ी के दर्शन करके श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं, मंदिर में प्रतिदिन प्रातः यज्ञ व शाम को आरती होती है, प्रत्येक अमावस्या को होने वाले यज्ञ में स्थानीय बिश्नोई जनों के अतिरिक्त आसपास के क्षेत्र से भी जांभोजी के भक्त बड़ी संख्या में इस पवित्र धाम में धोक लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। मंदिर कमेटी ने इस बार जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है जिसको पूर्ण कराने के लिए समाज के लोगों से सहयोग किए जाने की अपील की है।


Hot Widget

VIP PHOTOGRAPHY