बिश्नोई सेवा समिति, कानपुर में कमेटी गठन को लेकर विवाद गहराया – फर्जीवाड़े के आरोपों से मचा हड़कंप

 बिश्नोई सेवा समिति, कानपुर में कमेटी गठन को लेकर विवाद गहराया – फर्जीवाड़े के आरोपों से मचा हड़कंप

बिश्नोई सेवा समिति, कानपुर में कमेटी गठन को लेकर विवाद गहराया – फर्जीवाड़े के आरोपों से मचा हड़कंप


कानपुर। बिश्नोई सेवा समिति (रजि.), कानपुर में नई कमेटी के गठन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2 फरवरी 2025 को चुनाव अधिकारी द्वारा रद्द किए गए चुनावों को दरकिनार करते हुए एक नई कमेटी गठित कर दी गई, जिसे समाज में अवैध और अनैतिक बताया जा रहा है। आरोप है कि संरक्षक मंडल और महामंत्री ने अमित बिश्नोई के नेतृत्व में इस तथाकथित कमेटी को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिल कर दिया, जबकि वैध रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों और समाज के सदस्यों को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई।


 पर्यावरण दिवस पर भी समाज को भ्रमित करने का आरोप


हाल ही में औरैया में आयोजित पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में भी यह विवादित कमेटी समाज का प्रतिनिधित्व करती दिखी, जिसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। समाज के कई सदस्यों का कहना है कि ये लोग जानबूझकर समाज को भ्रमित कर रहे हैं और झूठी छवि प्रस्तुत कर रहे हैं।


 पूर्व अध्यक्ष प्रवीण बिश्नोई की भूमिका पर संदेह


नई कमेटी की बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष प्रवीण बिश्नोई के नाम पर दर्ज की गई है, जबकि वे 4 मई से दिल्ली में हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी जानकारी में कोई बैठक नहीं हुई। हालांकि, कुछ लोग उन्हें भी इस विवाद में संलिप्त बता रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी भूमिका पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है।


 कमेटी के भीतर से भी उठी विरोध की आवाज


इस विवादास्पद कमेटी के सदस्य अश्वनी बिश्नोई ने भी अमित बिश्नोई और उनकी कार्यशैली का विरोध किया है। यह समिति के भीतर बढ़ते असंतोष और आंतरिक मतभेदों की पुष्टि करता है।


 चुनाव अधिकारी का इस्तीफा और धमकी का मामला


मुख्य चुनाव अधिकारी ने पहले ही फर्जीवाड़े और अनियमितताओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रजिस्टार कार्यालय में पुनः निष्पक्ष चुनाव की मांग भी की है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, एक राजनेता द्वारा चुनाव अधिकारी को धमकी दिए जाने की भी चर्चा समाज में जोरों पर है।


 सार्वजनिक बहिष्कार की मांग तेज


समाजसेवी प्रमोद बिश्नोई और सुशील बिश्नोई ने इस पूरे प्रकरण को समाज के साथ गंभीर धोखा बताते हुए दोषियों के सार्वजनिक बहिष्कार की मांग की है। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते इस तरह की गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो समाज की गरिमा और एकता को गहरा नुकसान पहुँच सकता है।


प्रमोद बिश्नोई का तीखा तंज: "यह कोई मज़ाक है क्या? समाज का नया मोदी – स्वयंभू प्रधानमंत्री अमित बिश्नोई! यह सब समाज के साथ खुला धोखा है।"


समाज के भीतर इस प्रकरण को लेकर असंतोष लगातार बढ़ रहा है और अब निगाहें रजिस्टार कार्यालय की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।


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