किसान केसरी: रामसिंह बिश्नोई जीवन परिचय | Ramsingh Bishnoi Biography

किसान केसरी: रामसिंह बिश्नोई जीवन परिचय | Ramsingh Bishnoi Biography

किसान केसरी: रामसिंह बिश्नोई की 86वीं जयन्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित


यह पोस्ट कद्दावर किसान नेता, राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री व अभुतपूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा स्व॰ रामसिंह बिश्नोई 'साब' के बारे में विस्तृत रूप से लिखी गई है। 'साब' सच्चे मायने में किसान और गरीब के मसीहा थे किसान, मजदूर या कर्मचारी जो भी उनके दर पर फरीयाद लेकर गया कभी खाली हाथ नहीं लौटा। स्व॰ बिश्नोई न केवल बिश्नोई समाज बल्की सम्पूर्ण राजस्थान के लोकप्रिय किसान नेता थे।

1979 में इन्दिरा गांधी व गहलोत के साथ राम सिंह बिश्नोई 'साब'


जीवन परिचय: रामसिंह बिश्नोई का जन्म 20 अक्तुबर 1935 को तिलवासनी गांव में श्री मघाराम खोखर के यहां हुआ।

उनकी धर्मपत्नी का नाम अमरीदेवी है। उनके 3 पुत्र व 1 पुत्री है। स्व रामसिंह की शिक्षा दीक्षा जोधपुर में हुई।  उन्होंने जोधपुर विश्वविद्यालय से Bsc, LLB की उपाधि प्राप्त की।

सियासी शुरुवात : लुणी विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधायक बने। वो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री पद पर भी रहे।

बिश्नोई समाज के खुले अधिवेशन में बिश्नोई रत्न चौ. भजनलाल  व गहलोत के साथ राम सिंह बिश्नोई 'साब'
बिश्नोई समाज के खुले अधिवेशन में बिश्नोई रत्न चौ. भजनलाल  व गहलोत के साथ राम सिंह बिश्नोई 'साब'


विधानसभा का प्रतिनिधित्व : श्री रामसिंह बिश्नोई लुणी विधानसभा क्षेत्र से सात बार 1972, 1977,1980,1985 , 1990, 1998 और 2003 ( पांचवी, छठी, सातवीं, आठवीं, नौवीं, ग्यारहवी, व बाहरवीं विधानसभा ) में कांग्रेस के विधायक रहे । श्री रामसिंह अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा व महासभा के अध्यक्ष रहे। रामसिंह मूर्धन्य किसान नेता थे, वो मारवाड़ में साहब के नाम से मशहूर हुए।

राजनीतिक जीवन में रहे विभिन्न पदों पर:

1985 से 1988 तक राजस्थान सरकार में पशुपालन ऐवम डेयरी के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री, जून 1989 से मार्च 1990 तक परिवहन मंत्री रहे। फरवरी 1998 से अप्रेल 2002 तक पीएचईडी मंत्री व 2003 में कृषि मंत्री रहे। 
एआईसीसी के सदस्य , प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष ,इसके साथ ही विधानसभा में कई कमेटियो के सदस्य रहें ,मात्र 23 साल कि उम्र में वर्ष 1958 में अपने गाँव तिलवासनी के सरपंच बने और 1965 तक गाँव के सरपंच रहे , बिलाड़ा पंचायत समिति के दो बार प्रधान(1965-72)रहे।
प्राथमिक भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष, बिलाड़ा केंद्रीय भूमि विकास बैंक अध्यक्ष, सेंट्रल भूमि विकास बैंक निदेशक,राजस्थान वन्यजीव सलाहकार मंडल सदस्य, राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के चेयरमेन लगभग 20 साल तक रहे ।

व्यक्तित्व : स्व रामसिंह बिश्नोई साधारण व सरल स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने एक सफल राजनितिज्ञ के रूप में छाप छोड़ी। स्व रामसिंह ने जीवनभर देश व समाज के विकास में अहमयोगदान दिया। किसानों के हितेषी हो के कारण उन्हें किसान केसरी कहा जाने लगा। समाजसेवी होने के कारण बिश्नोई समाज में लोह पुरुष के रूप में प्रसिद्ध हुए।

गोकि है कि स्व. रामसिंह नें बिश्नोई समाज की उन्नति के लिए अनुकरणीय सेवाएं प्रदान की है। उन्होनें सेवक दल के नए परिसर हेतु 1 बीघा जमीन (50 लाख से अधिक लागत) चार दिवारी, रसोईघर ,भंडारगृह व पाकशाला का निर्माण करवाया।

उन्होंने दिल्ली में बिश्नोई धर्मशाला की स्वीकृत्ति व भूमि दिलवाने संबंधी कार्यवाही को तेज करने एवं निर्णायक कार्यवाही के निर्देश दिए और बिश्नोई रत्न चौ भजनलाल की सहायता से भूमि संबंधि कार्यवाही को पुर्ण करके दिसम्बर 2001 को तत्काल महामहिम श्री के आर नारायण के कर कमलों से बिश्नोई धर्मशाला की नींव रखवाई ।

श्री रामसिंह ने विधायक कोटे से सन 1984 में खेजडली मे विशाल मंच का निर्माण करवाया। स्व. रामसिंह जी खेजड़ली शहीदी पर्यावरण संस्थान (1989-2004) के अध्यक्ष रहे है।

रामसिंह जाम्भोलाव मेले में बढचढकर हिस्सा लेते थे। तीर्थ शिरोमणी जाम्भोलाव में इन्दिरा गाँधी नहर का पानी पहूँचना उनके के प्रयासों का ही प्रतिफल है।

उनकी सेवाएं बिश्नोई समाज के लिए प्रेणा स्त्रोत रहेगी। उन्होनें राजनिती में भी अविस्मरणीय सेवाएं दी ।

आपका निधन 22 अक्टूबर 2004 को हुआ। श्री रामसिंह बिश्नोई जैसे दिवगंत समाज सेवी की जीवन यात्रा भले ही थम जाए, पर उनके कदमों के निशान हमेशा कायम रहते हैं।

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