व्याख्याता मंगलाराम खीचड़ : प्रेरक कहानी गरीब किसान के बेटे का कॉन्स्टेबल से व्याख्याता तक का सफर

 व्याख्याता मंगलाराम खीचड़ : प्रेरक कहानी गरीब किसान के बेटे का कॉन्स्टेबल से व्याख्याता तक का सफर

व्याख्याता मंगलाराम खीचड़ : प्रेरक कहानी गरीब किसान के बेटे का कॉन्स्टेबल से व्याख्याता तक का सफर


आरपीएससी द्वारा आयोजित स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 के इतिहास विषय का परिणाम कल जारी हुआ। जिसमें बिश्नोई समाज की बहुतेरे होनहार विद्यार्थियों का चयन हुआ है। इन्हीं में से एक है मंगलाराम खीचड़। 28 वर्षीय मंगलाराम स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में संपूर्ण राजस्थान में इतिहास विषय से 12 वीं से चयनित हुए हैं।

मंगलाराम खीचड़ का जन्म जालौर जिले के सांचौर तहसील के निकटवर्ती ग्राम सेडिया के मानाराम खीचड़ के यहां हुआ। मानाराम खीचड़ पैसे से किसान है।

होनहार मंगलाराम खीचड़ ने अपनी शिक्षा के साथ निजी विद्यालय में अध्यापन कार्य का कार्य किया। आप शिक्षा व अध्यापन के साथ ही साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। मेहनत के बल पर प्रथम बार वर्ष 2013 में राजस्थान पुलिस कांस्टेबल के पद पर चयनित होकर सफलता की प्रथम सीढ़ी की चढ़ाई चढ़ने में सफल रहे। शिक्षा के प्रति मंगलाराम का जुनून ही था की वो पदस्थापन व प्रशिक्षण के दौरान 24 घण्टे की नोकरी होने पर भी जब भी समय मिला दिन हो या रात पुलिस गश्त दौरान भी अध्ययन कार्य जारी रखते हुए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते रहे। इसी के फल स्वरूप आप 4 वर्ष पश्चात 2018 में लोक सेवा आयोग, राजस्थान द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा में सामाजिक विज्ञान विषय से सम्पूर्ण राजस्थान में 210 वीं रेंक से चयनित हुए। शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आप उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत रहे। मंगलाराम शैक्षणिक कार्यक्लापों के साथ ही साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निरंतर करते रहे। अंततः स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 में इतिहास विषय से से संपूर्ण राजस्थान में 12 वीं रैंक से प्राध्यापक (इतिहास) के पद पर चयन हुआ।

 

 



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