मोनिका बिश्नोई NEET 2021 के परिणाम में सम्पुर्ण भारत में 4934 वी रैंक से सफल हुई.

 मोनिका बिश्नोई NEET 2021 के परिणाम में सम्पुर्ण भारत  में 4934 वी रैंक से सफल हुई.

मोनिका बिश्नोई NEET 2021 के परिणाम में सम्पुर्ण भारत  में 4934 वी रैंक से सफल हुई.


अक्सर कहा जाता है राजस्थान में बेटियों की पढ़ाई को तवज्जो नहीं दी जाती। मगर इस प्रश्न पर ही रह रह कर यहां की बेटियों ने अपने बुलंद इरादों से सफलता के सिर्फ मुकाम को हासिल प्रश्नचिह्न लगाने का कार्य किया है। यहां की बेटीयों ने हमेशा विभिन्न सेवा के क्षेत्र में चयनित होकर स्वयं, परिवार और समाज को गौरवान्वित किया है। आज हम आपको  समाज की गौरव प्रतिभा मोनिका बिश्नोई से रूबरू करवा रहे हैं जो NTA द्वारा आयोजित NEET 2021 परीक्षा में AIR 4934 से उत्तीर्ण होकर अब डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करेगी। 

 

मोनिका बिश्नोई जीवन परिचय

मूलतः बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना तहसील के निकटवर्ती ग्राम गडरा की रहने वाली मोनिका बिश्नोई का जन्म एक मध्यम वर्गीय शिक्षित परिवार में हुआ। मोनिका के पिता जगदीश बिश्नोई पेशे से अध्यापक है वहीं इनकी माता भी राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर सेवाएं दे रही है।


मोनिका बिश्नोई (Monika Bishnoi) : शिक्षा

 मोनिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर 8वीं कक्षा तक गुरुकुल स्कूल धोरीमन्ना से शिक्षा ग्रहण की इसके पश्चात माध्यमिक तक की शिक्षा मोनिका ने जोधपुर में रहकर प्राप्त की। शुरु से ही शिक्षा में अव्वल रही मोनिका ने कक्षा 10 में 88% अंक अर्जित किए। वहीं आगे की स्कूली पढ़ाई शैक्षणिक नगरी कोटा के निजी शिक्षण संस्थान से पूरी करते हुए वह 12वीं में 87% अंक हासिल करने में सफल रही। इसके पश्चात 1 वर्ष तक कोटा में ही रहकर एलन कोचिंग सेंटर से कोचिंग की। बाद मे मोनिका ने जोधपुर में रहकर सेल्फ स्टडी करते हुए NEET 2021 में 720 में से 645 अंक प्राप्त कर 4934 वी रैंक हासिल करने में कामयाब रही। 

मोनिका ने बताया कि

लङकी होने के नाते परिवार से दूर अकेले रहकर इतने बङे लक्ष्य को प्राप्त करना बहुत बङी चुनौती थी लेकिन डॉक्टर बनने की जिद्द ने मुझे इन सभी कठिनाइयों को सीमित कर दिया।


युवाओं को संदेश

 यदि हम मन मे कुछ बनने की ठान लें और उस ओर बढने के लिए ईमानदारी से समर्पित हो जायें तो कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।


सफलता का श्रेय

मोनिका ने सफलता का श्रेय खुद की जिद्द को दिया। जब वह 8वीं कक्षा में थी तो उसकी मौसी डॉक्टर बनी तो जिद्दी मोनिका बिश्नोई ने भी डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा। वह लम्बे संघर्ष के बाद दूसरे प्रयास में NEET क्लीयर कर अपने नवाबी ख्वाब को पूरा करेंगी।

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