Rajesh Bishnoi : जिस भी परीक्षा में बैठे पास करते गए, अब बने एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर

Rajesh Bishnoi : जिस भी परीक्षा में बैठे पास करते गए, अब बने एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर

Rajesh Bishnoi : जिस भी परीक्षा में बैठे पास करते गए, अब बने एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर


कहते हैं अगर इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो और हौसले बुलंद हो तो कामयाबी को न केवल हासिल किया जा सकता है बल्कि उसे बार-बार दोहराया भी जा सकता है। बीकानेर जिले के नोखा के रहने वाले राजेश बिश्नोई ने सफलता की कुछ ऐसी ही इबारत लिखी है। राजेश को पहले CHSL 2018 में LDC और अब कुछ महीने के अंतराल में SSC CGLE 2018 में 285 वीं रैंक से सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। 

राजेश ने अपनी सफलता को दोहराया ही नहीं बल्कि अपना पद बढ़ाने में कामयाब रहे। जहां पहली सफलता से LDC बनते वहीं अब सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर के पद पर सेवाएं देंगे।


इंस्पेक्टर राजेश बिश्नोई जीवन परिचय

Rajesh Bishnoi 
Biodata
Full NameRajesh Bishnoi
Date of Birth07 July, 1996
Nokha, Bikaner, Rajasthan
ParentsSmt Ramswaroopi Devi (House Wife), Bajarang Lal Delu  (Sub-Inspector)
EducationB.teach (electrical)
ProfessionExcise and custom inspector (Trainee officer)
CadreDehli
Rank AIR 285 (SSC CGLE 2018)
Hobbies
  • Teaching
  • Marshall art
  • Agriculture

25 वर्षीय राजेश बिश्नोई का जन्म बीकानेर जिले की नोखा‌ तहसील के निकटवर्ती ग्राम काकड़ा के संपन्न परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम बजरंग लाल डेलू है जो राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर सेवारत है। इनकी माता रामस्वरूपी देवी ग्रहणी है। इनसे बड़े भाई रविन्द्र डेलू व्याख्याता है और वर्तमान में बाड़मेर जिले में पदस्थापित है। वहीं राजेश बिश्नोई के दादा गोपीराम बिश्नोई काकड़ा गांव के चार बार सरपंच रह चुके‌ है। राजेश, रविन्द्र और परी बिश्नोई ने एक साथ सफलता का परचम लहराया कर परिवार को गौरवान्वित किया। 


शिक्षा : Inspector Rajesh Bishnoi

राजेश बिश्नोई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा नोखा में रहकर ही ग्रहण की वहीं उच्च शिक्षा के लिए वो बीकानेर आ गए जहां राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर से वर्ष 2017 में इलेक्ट्रिकल ब्रांच से बीटेक पास किया। राजेश इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने लगे जिसका परिणाम यह रहा कि वर्ष 2017 में पास-आउट होते ही SSC -2017 में टैक्स असिस्टेंट व राजस्थान LDC के पद पर चयनित हुए। इसके पश्चात तो सफलता दर सफलता प्राप्त कर इस मकाम तक पहुंचने में कामयाब रहे।


राजेश बिश्नोई की सफलताओं का सफ़र

बाल्यकाल से ही शिक्षा में मेधावी रहे राजेश ने इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करते प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना शुरू ही नहीं किया बल्कि जिन जिन परीक्षाओं में बैठते गए उन्हें पास करते चले। राजेश सर्वप्रथम SSC -2017 में टैक्स असिस्टेंट व राजस्थान LDC भर्ती परीक्षा में चयनित हुए। इसके पश्चात CHSL 2018 में बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन में LDC बने। राजेश दिल्ली पुलिस व रेलवे पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने में कामयाब रहे। अंतिम बार वो SSC CGLE 2018 परीक्षा में बैठे ‌जिसमें उन्होंने भारत-वर्ष में 285वीं रैंक (AIR-285) प्राप्त की और सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंस्पेक्टर (वित मंत्रालय, भारत सरकार) के पद पर चयनित हुए। अब वो National Academy of Customs (Indirect texes and Narcotics) फरीदाबाद, हरियाणा में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।


सफलताओं के शीर्ष पर पहुंचने की प्रेरणा व रणनीति 

राजेश बिश्नोई के दादा ने 2 दशकों तक सरपंच के रूप में जन सेवा की। अपने परिवार को शिक्षित किया, उनमें सेवा के संस्कारों का बीजारोपण किया। जिसका परिणाम यह रहा कि परिवार के सदस्यों ने उनसे प्रेरणा लेकर विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदियों को छुआ। राजेश ने भी दादा और पिता के पदचिह्नों पर चलते‌ हुए शिक्षा से लेकर सफलता अर्जित की है। आपको बता दें कि राजेश बिश्नोई की कजिन परी बिश्नोई वर्ष 2019 में 30 वीं रैंक के साथ आईएएस चयनित हुई है।


राजेश ने Bishnoism.org से बात करते हुए बताया कि 

उन्होंने बीकानेर रहते हुए सेल्फ स्टडी की और विशेष रणनीति बनाने के बजाय नियमित व अकॉर्डिंग टू सेलेब्स पढ़ाई की। 


सफलता का श्रेय

राजेश ने बताया कि गुरु जंभेश्वर भगवान के आशीर्वाद से उन्होंने यह मुकाम पाया‌ है। वहीं माता-पिता, गुरुजनों व परिजनों और मित्रों का मेरी सफलता में विशेष सहयोग रहा।


युवाओं को संदेश

आप मेहनत किसी भी क्षेत्र में करें लेकिन मेहनत के साथ पूरी ईमानदारी रखेंगे तो सफलता निश्चित है।


लेखक

जय खीचड़जय खीचड़
सकारात्मक स्टोरीज लेखन श्रेणी में पिछले 5 वर्षों से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं  में लिखने बाद‌  बिश्नोई समाज को समर्पित Bishnoism.org की शुरुआत की है। यहां सक्सेस स्टोरी कॉलम की शुरुआत छुपी प्रतिभाओं के संघर्ष से लेकर सफलता तक के सफर को लोगों तक पहुंचाने के लिए  की है।  ताकि अध्ययनरत युवावर्ग प्रेरणा लेकर सफलता के पथ पर आगे बढ़ सके।



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