शहीद शैतानाराम भादू | जय खीचड़


अर्जुन पुत राय शैतान ।

धरम कर'नै लिन्हों सन्मान ।।

चल्यो बो धरम री आन ।

मान जंभ अचंभ फरमान ।।

ननैऊ गांव फलोदी परगणा ।

मात बीरादे धर्म-वीर जणा ।।

पुष्पा पीयुष अनै ज्योति ।

खोयो जीवन आधारी मोति ।।

शैतानो थो जीव हैतालु।

कृपा करी जंभ कृपालू ।।

हरिणा हित शरीर दीन्हों।

बाहरां करोड़ां साथ लिन्हों ।।

देह तज जीव बचायो ।

मरतक मोक्ष द्वारूं पायो ।।

धरम आधार पायो लुंठो ।

सुरगै लाभत पायो बैंकुठो ।।

जीवां जुग चल्यो रेवे ।

अमर अमृता प्रेरणा देवे ।।

जय खीचड़






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