SI Teluram Bishnoi : पिछले 10 वर्षों से घायल वन्यजीव व पक्षियों को रेस्क्यू कर बचा रहे, लगाए हजारों पौधे

SI Teluram Bishnoi : पिछले 10 वर्षों से घायल वन्यजीव व पक्षियों को रेस्क्यू कर बचा रहे, लगाए हजारों पौधे



अपने प्रकृति प्रेम और आथित्य सेवा के लिए विख्यात बिश्नोई समाज देश सेवा में भी सदैव तत्पर रहा है। बिश्नोई समाज के अनेक लोगों ने वन व वन्य जीवों को बचाने व राष्ट्र रक्षा के लिए सरहद पर अपना बलिदान दिया है। बलिदानों के गौरवशाली इतिहास के साथ ही बहुतेरे बिश्नोई व्यक्तिगत तौर पर या‌ किसी संस्था के माध्यम से वन व वन्यजीवों को बचाने व पेड़-पौधे लगाकर धरती को हरा-भरा करने की की जुगत में लगे हैं। आज की कहानी है समाज के ऐसे ही प्रकृति के सजग सिपाही तेलूराम सहारण कि है जो हरियाणा पुलिस में सेवारत रहते हुए भी अपने जुनून और गुरु जाम्भोजी के प्रति समर्पित भाव के बल पर घायल वन्य-जीवों/पक्षियों के उपचार से स्वास्थ्य होने तक देखभाल करते हैं इतना ही नहीं वृक्षारोपण कर धरती को हरा-भरा करने के क्षेत्र में भी उन्होंने नये प्रतिमान स्थापित किए। 


जीवन परिचय:

तेलूराम बिश्नोई का जन्म हरियाणा के हिसार जिले के कालीरावण एक साधारण किसान परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम श्री रामस्वरूप जी सहारण है। चूंकि तेलूराम का जन्म बिश्नोई परिवार में हुआ तो संस्कार व स्वभाव से जीव प्रेमी होना नैसर्गिक था। यही कारण था कि इन्हें बाल्यावस्था से ही इन्हें पशु पक्षियों से प्रेम था यही प्रेम आगे चलकर जीवन में दैनिक दिनचर्या का बन गया। 

 सहारण बच्चपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद अपनी मेहनत और पढ़ाई के बल पर हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर लगे। विगत 30 वर्षों से हरियाणा पुलिस में सेवाएं दे रहे तेलूराम सहारण वर्तमान में SI के पद पर विजिलेंस हिसार में सेवारत है।


तेलूराम सहारण ने हमसे से बात करते  हुए बताया कि 

यूं तो जन्मजात मुझे पशु-पक्षियों, वन्यजीवों और प्रकृति के सौंदर्य (पेड़-पौधों) से प्रेम रहा है परंतु विगत एक दशक से यह कार्य मेरी जीवनचर्या का हिस्सा बन चुका हूं। मुझे खुशी है कि मैं अपने दायित्वों और हरियाणा पुलिस में सेवा के साथ गुरु जांभोजी महाराज के प्रेरक संदेश 'जीव दया पालणी, रूंख लीलो नी घावे' का निर्वहन कर पा रहा हूं।


पुलिस विभाग में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के साथ बिश्नोईयों की प्रेरक परंपरा के संवाहक बने SI तेलुराम सहारण विगत 10 वर्षों से नियमित तौर पर वृक्षारोपण कर उनकी देखभाल करने और घायल पशु-पक्षियों को उपचारित करने का कार्य बड़े ही शिद्दत से कर रहे हैं। ये घर पर जीवों का छोटा रेस्क्यू सेंटर संचालित करते हैं जिसमें सर्वाधिक पक्षी उपचार हेतु आते/लाए जाते हैं। इन्होंने अबतक करीब 2 हजार से ज्यादा घायल जीवों (जिसमें ज्यादातर पक्षी, नीलगाय, हिरण, खरगोश, कुत्ते आदि शामिल हैं) का उपचार करने से लेकर स्वस्थ होने तक देखभाल और दाने पानी की व्यवस्था की हैं।

इन्होंने घर पर ही एक नर्सरी लगा रखी है जिसमें हर समय 10 हजार पौधे तैयार मिलते हैं। इनसे कोई भी व्यक्ति निशुल्क विभिन्न प्रकार के छायादार व फलदार पौधों की पौध प्राप्त कर सकता है। इन्हें आदमपुर क्षेत्र में ट्री मेन के नाम से भी जाना जाता है। 

सहारण ने अबतक विभिन्न क्षेत्रों पर में 60 हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं जिनमें से लगभग 40 हजार से ज्यादा पौधे पनपे हैं। धार्मिक स्थलों, मुकाम, जाम्भा की गोशाला, खेजड़ली स्कूल व शहीदी स्थल, जाम्भा हरियाणा भवन आदि में पौधे लगाए व देखभाल भी करते हैं। इतना ही नहीं सहारण हररोज 2 घण्टे सुबह गोशाला में श्रमदान भी करते हैं।



सेमिनारों के माध्यम से कर रहे हैं जागरूक


SI तेलूराम सहारण आदमपुर क्षेत्र में नशा मुक्ति अभियान, स्वस्थ्य जाँच, आंखे के केम्प, रक्तदान शिविर, स्कूलों में सड़क सुरक्षा सेमिनार, भूर्ण हत्या रोकथाम केम्प, जीव रक्षा के सेमिनार, पर्यावरण संरक्षण सेमिनारों के माध्यम से लगभग हर क्षेत्र में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। इतना ही नहीं सहारण क्षेत्र में जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, जमा/जागरण, बुजर्ग के देवलोक पर व शादी में दूल्हा-दुल्हन से पौधे लगवाते हैं। अगर इन्हें निमंत्रण नहीं मिलता तो भी ये पौधे भेजकर लगवाते हैं।


राजकीय कर्मचारी होते हुए भी SI तेलूराम सहारण का जीव रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहारनीय प्रयास है। हम सबको इनसे प्रेरणा लेकर अपने आसपास घायल पशु-पक्षियों, वन्यजीवों का उपचार और देखभाल व अधिकाधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।

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