अनुठी सड़क : ऐसी सडक जिसके बीचोंबीच लगे हैं खेजड़ी के पेड़
फोटो में दिख रही सड़क राजस्थान के नागौर जिले में स्थित रोटू गांव और टोकी धोरा के बीच स्थित है। यह सड़क अपनी अनोखी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसके बीचोंबीच खेजड़ी के वृक्षों की एक कतार लगी हुई है। यह कतार लगभग 3 किलोमीटर तक फैली हुई है पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती यह रोड़ रोटू गांव से टोकी धोरा के मध्य स्थित है।
रोटू गांव ‘बिश्नोई’ समुदाय के लिए प्रसिद्ध है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना समर्पण के लिए जाना जाता है। 15वीं शताब्दी में, बिश्नोई समाज के प्रवर्तक गुरु जाम्भोजी महाराज ने रोटू गांव अपनी प्रिय नौरंगी बाई को भात भरा था और यहां खेजड़ियों का बाग लगवाया था। वन्यजीव बहुतायत में होने से इस क्षेत्र को राज्य सरकार द्वारा “Community Reserve” घोषित किया गया एवं वन्यजीव Rescue Centre भी स्थित है।
यह सड़क जाम्भोजी द्वारा शुरू की गई वृक्षों के संवर्धन और सम्पोषण की परम्परा का बेजोड़ नमूना है। गुरु जाम्भोजी की परम्परा के अनुसरणकर्ता बिश्नोईयों ने इस रोड़ हेतु सुझाव दिया कि वृक्ष न काटते हुए सड़क निर्मित की जाए। यही हुआ!
यह अनुठी सड़क पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के प्रति बिश्नोई समुदाय की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।