प्रेरक कहानी - ASI किशनाराम बिश्नोई ने अपने प्रयासों से बचाई अनेक जिन्दगियां, दिया आर्थिक संबल

  प्रेरक कहानी - ASI किशनाराम बिश्नोई ने अपने प्रयासों से बचाई अनेक जिन्दगियां, दिया आर्थिक संबल

ASI किशनाराम बिश्नोई ने अपने प्रयासों से बचाई अनेक जिन्दगियां, दिया आर्थिक संबल





पुलिस विभाग की छवि आम जन में हमेशा नकारात्मक व डरावनी देखने को मिलती है. यह सिर्फ जागरुकता के अभाव में और पुलिस व आमजन के मध्य व्यवहार केवल घटनाओं पर आधारित होने के कारण लोगों के मन-मष्तिक में पुलिसवालों से भय बैठने का परिणाम है. लेकिन कुछ पुलिसवाले ऐसे भी होते हैं जिनका जुड़ाव आमजन से होता है. लोगों के सुख - दु:ख में सहयोग के लिए वो पहली पंक्ति में खड़े मिलते हैं. अपनी ड्युटी के अलावा नैतिक कर्तव्यों भी जिम्मेदारी से करते हैं. जिनकी छवि लोगों में 'सिंघम' की बनी होती है. यह कहानी है ऐसे ही पुलिसवाले की जो अपनी ड्युटी के साथ मौलिक कर्तव्यों का बखुबी निर्वहन कर रहा है. जी हां! हम बात कर रहे हैं ASI किशनाराम बिश्नोई की. 

जिन्होंने जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ (वाट्सऐप ग्रुफ) के माध्यम से अबतक अकाल मृत्यु से निराश्रित लगभग 100 परिवारों को लगभग 1.90 करोड़ रूपयों की आर्थिक मदद करने में महत्वपुर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही कोरोना के वैश्विक संकंट में लॉकडाउन  क्षेत्र में अपनी ड्युटी के निर्वहन के साथ 1500 परिवारों को 2 महिने का राशन उपलब्ध करवाया.

ASI किशनाराम बिश्नोई ने बांटी बिहारी मजदूरों को राशन सामग्री



ASI किशनाराम बिश्नोई - जीवन परिचय


किशनाराम बिश्नोई का जन्म जोधपुर जिले के कस्बे सोढ़ादड़ा के किसान परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम स्व. राऊराम मान्जु बिश्नोई व माता स्व. श्रीमती मुमल बिश्नोई है. किशनाराम बच्चपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे. स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वो पुलिस विभाग में वर्ष में कांस्टेबल के पद लगे. अपनी ड्युटी के पक्के किशनाराम ईमानदारी से कार्य करते हुए वर्ष 2009 गैलंट्री अवॉर्ड पुलिस महानिदेशक द्वारा हेड कांस्टेबल बनाया गया और फिर वर्ष 2016 में सहायक उप निरिक्षक (ASI) के पद पर पदोन्नत हुए.


जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ के माध्यम से लगभग 100 परिवारों को आर्थिक संबंल प्रदान किया.

गरीब के ईलाज के लिए जुटाए लाखों - asi किसनाराम बिश्नोई


कुछ अलग व विशेष करने के पीछे जरूर कोई न कोई घटना जिम्मेदार होती है. ऐसा ही दु:खद वाकया किशनाराम बिश्नोई के साथ घटा. किशनराम ने बताया कि वर्ष 2017 मैं फरवरी माह में बिश्नोई समाज के सबसे बड़े मंदिर मुक्तिधाम मुकाम में मेले के दौरान उनकी व उनके साथियों की ड्युटी लगी हुई थी. ड्युटी के दौरान उनके साथी  श्रवण कुमार माल की मृत्यु हो गई. इस घटना ने उनके मन-मष्तिक को हिलाकर रख दिया. श्रवण कुमार की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी. उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर श्रवण कुमार के परिवार को दु:ख की घड़ी में आर्थिक संबंल प्रदान किया. यहां से शुरु हुई सहायता मुहिम ने जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ की नींव रखी.

जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में अकाल मृत्यु पर आर्थिक सहायता देना, गम्भीर बिमारी के ईलाज में आर्थिक सहयोग, जिन लोगों के मकान नहीं है और गरीबी रेखा से नीचे हैं ऐसे लोगों को मकान बनाकर भी दे रहे हैं जो मानसिक रूप से विकलांग है या हैंडीकेप, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करना है.

किशनाराम ने बताया कि 'जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ' का संचालन सहदेव ढ़ाका (फोजी), पुखराज पूनिया (फोजी),अनिल खिचड़ (फोजी), श्रवण ईशरवाल (फोजी), श्री राम सिंह गोदारा (फोजी), एकलव्य खिलेरी, पुखराज पुनावली (अध्यापक), हरि किशन सारण (अध्यापक) गुडामालानी , देवीलाल मांजू व मेरे हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं  द्वारा वाट्सऐप के माध्यम से किया जा रहा है. 50 वाट्सऐप ग्रुफ के माध्यम से राजनितीज्ञ, सेनिक, पुलिकर्मी, व्यवसायी, सरकारी सेवक से लेकर आमजन तक लगभग 20000 हजार लोग इस प्रेरक मुहिम में हमारा साथ देश-विदेश में रहकर दे रहें हैं. फरवरी 2017 से अबतक जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ के माध्यम से करिब 100 परिवारों को 1.90 करोड रूपयों की आर्थिक सहायता प्रदान कर चुके हैं. 


वैश्विक महामारी COVID19 में लॉकडाउन की अवधि में जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री वितरण कर समाजसेवा की मिशाल पेश की.

 




कोतावाली थाना, बिकानेर में कार्यरत ASI किशनाराम बिश्नोई ने वैश्विक महामारी COVID19 के मध्यनज़र लॉकडाउन अवधि में कर्फ्यु क्षेत्र में अपनी ड्युटी के साथ - साथ  1500 परिवारों को जाम्भाणी आदर्श ग्रुफ के माध्यम से घर-घर जाकर 2 माह का राशन वितरित किया. जन सेवा के साथ ही साथ इस आपात स्थिति में उन्होनें हर जीव के जीवन को बचाने का जतन किया. तावाब की मछलियों के दाना डालना, लोक डाउन के चलते भुखे श्वानो को भी, लोक डाउन के दौरान चीटियों को भी दाना डालना पक्षियों, भी निराश्रित गो वंश को चारा डालने से लेकर पक्षियों को चुग्गा (दाना) डालने का कार्य सिद्दत से किया है. 


अपने कार्यों को लेकर पुलिस महकमें हैं विशिष्ट पहचान.


ASI किशनाराम की सामाजिक सरोकार वाले कार्यों से समाज व क्षेत्र में ही नहीं वरन अपने पुलिस महकमें में भी विशिष्ठ पहचान है. ड्युटी के साथ - साथ इस कल्याणकारी को निरन्तर करने के लिए अपने अधिकारियों का भरपुर सहयोग उन्हें मिलता रहा है. 




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