शक्ति का पहला रूप : सुनीता बिश्नोई पिछले 8 वर्षों में बचाए सैकड़ों वन्यजीव

हनुमानगढ़ के पिलीबंगा तहसील की रहने वाली सुनीता बिश्नोई ने बदलते परिवेश में विलुप्ति के कगार पर पहुंचे वन्यजीवों को बचाने की कवायद छेड़ वन्यजीव‌‌ संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल पेश की है।    

शक्ति का पहला रूप : सुनीता बिश्नोई पिछले 8 वर्षों में बचाए सैकड़ों वन्यजीव


पंचायत सहायक के पद कार्यरत वन्य जीव मित्र सुनीता बिश्नोई हनुमानगढ़ के पीलीबंगा के वन्य जीव प्रेमी महावीर बिश्नोई की पत्नी है जो थिराजवाला सेवा संस्थान की संस्थापक है। सुनीता बिश्नोई वर्ष 2014 से वन्यजीवों के संरक्षण में तल्लीनता से जुटी हुई है। संस्थान के तत्वाधान में हिरणों के लिए रेस्क्यू सेंटर का संचालन कर रही है जिसमें अब तक सैंकड़ों हिरणों का प्राथमिक उपचार सुनिता ने किया है। रेस्क्यू सेंटर में रेस्क्यू किए गए हिरण के बच्चों, नीलगाय, खरगोश और राष्ट्रीय पक्षी मोर  के उपचार से लेकर स्वस्थ होने तक उनका ख्याल सुनिता द्वारा रखा जाता है। इतना ही नहीं वह वन्यजीवों को आहार खिलाने, नन्हें शावक को दूध पिलाने का कार्य भी करती है। 


ज्ञात रहे सुनीता को वन्यजीवों के संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर उप-जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह 2019, 2020 में उपखंड अधिकारी व आसोज मेले के अवसर पर ‘अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा’ द्वारा सम्मानित किया‌ गया। आज‌ सुनीता पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए मिसाल बन गई है। 

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